Why do you think Negative About others. ( आप दूसरों के बारे में नकारात्मक क्यों सोचते है )



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हम अगर बात करे इस वक्त की तो हर एक इंसान अपने आप को आगे बढ़ने और आपने आप को  सही साबित करने में लगा हुआ है। दरसल गलती ये नहीं है की आप आगे बढ़ना चाहते है न ही ये गलती है की आप  सही साबित करना चाहते है। गलती ये है की आपने आप को आगे बढ़ने के लिए ,आपने आप को सही साबित करने के लिए आप कुछ भी कर जाते हो चाहे वो सही हो या गलत आप को तो बस आपने आप को सही साबित करना है  और दुसरो को गलत ये ही गलती है आप की। और या हा से ही आती है आप के अंदर दुसरो के लिए Negative विचार। 
हम किसी के बारे में 3 कारण से Negative सोचते  हैं। 

  • जब हम सामने वाले इंसान से नफरत करते है। 
  • जब हमारा मन किसी बात को पसंद नहीं करता हैं। 
  • और जब हम आपने आप को सामने वाले इंसान से बेहतर साबित करना चाहते है तब। 

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जब हम किसी को ना-पसंद करते है तो हम उसके बारे में तरह तरह की बात बनाने लगते है। उस वक्त इससे मतलब नहीं होता है की असल में जो बात में सोच रहा हु वो इस दुनिया में उस इंसान के साथ exist करता है भी या नहीं।दरसल उस वक्त आप को आपने आपको सकून देना होता है। लेकिन जब आप सही मैनोमे देखो गे तो जब आप सोचते हो तब आप को सकून मिलता है लेकिन जब आप की वो Negative सोच बन कर तैयार हो जाती है तो वही आप के लिए Problem बन जाती है। और ये Problem आपको परेशान करती है दरसल जिस इंसान के बारे में आप सोच रहे हो उसको तो कुछ मालूम ही नहीं है वो बेफिकर है। लेकिन आप Problem में हो क्यों की जो भी आप Imagination कर रहे हो असल में उसे आप ने ही बनाया है आपने दिमाग के अंदर तो भला कोई और क्यों परेशान होगा। 

और ये Negative Imagination बनता कहा से है। 
पहले आप आपने दिमाग में एक Negative Question को Imagine करते हो। वो negative Question तभी आता है जब आप किसी इंसान को ना पसंद करते हो तब। 
आप खुद ही सवाल करते हो और उसका Answer भी आप खुद ही बनाते हो वह भी आपने हिसाब से। क्यों की आप को आपने आप को ही संतुस्टी देनी है इस लिए। और जब आप उस जबाब को बना लेते हो।  तो आप जानते होते की इस सोच को मेने ही बनाया है फिर भी आप इस को सही मान लेते हो ऐसा आप को लगने लगता है की जो भी आप सोच रहे हो वो सही में हो रहा है या फिर हो सकता है इस दुनिया में उस इंसान के साथ जिस के बारे में आप सोच रहे हो। 
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तो आप ये ही करते हो। भले ही सामने वाला इंसान गलत हो या न हो आप को तो बस अपने आप से ही मतलब है की आप क्या सोचते हो दुसरो के बारे में। कितनी अजीब बात है आप ही Imagine करते हो उस सोच को आप ही बनाते हो और आप ही परेशान भी होते हो। उस से दूसरे इंसान का कुछ नहीं जाता है लेकिन आप का वक्त जरूर चला जाता है और उसके साथ ही आप अपने दिमाग में फालतू की बातें भर लेते हो जहा कुछ अछि बाते होनी चाहिए वो जगह आप की Negative Thought ले लेति है। 

इसी Negative Thought से आप को बचना है। इसे एक नहीं कई नुकशान होते है पहला ये की आप अपना कीमती वक्त दुसरो के बारे में Negative सोचने में लगा देते हो। दूसरा ये की जिस इंसान के बारे में आप सोचते हो वो इंसान आपकी नजर में गलत बनने लगता है और आप उस को दुशरो के नजर में भी गलत बनाने लगते है। तो जब तक आप को किसी के बारे में नहीं पता हो तो उसके बारे गलत नहीं सोचिये। आँखों देखा विस्वास कीजिये कानो सुना नहीं। आप सुन कर भी विस्वास कर सकते है लेकिन उस का कोई साबुत होना चाहिए। 
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तो किसी के बारे में नेगेटिव न सोचें। हलाकि  Positive सोचें क्यों की Positive Imagination करने पर आप भी Positive रहते है और हमेसा खुस रहते है और दुशरो की नजर में आप अच्छे बन जाते है और आप का पूरा Environment Positive होने लगता है। 

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