आप सब तो जानते ही है की हमारा दिमाग हर वक्त कुछ न कुछ सोचता ही रहता है और वो Positive सोचता है या Negative वो आप के मूड पे depande करता है। जब आप खुस होते हो तब आप हमेसा Positive सोचते हो और जब आप के दिमाग में Negative Thought आने लगते है तब उदास और गुसा होने लग जाते हो। ये काम करती है आपकी उस Thougths की गहराई पर। जब आप की खुसी ज्यादा होती है तब वो छोटी छोटी Negative Thoughts पता नहीं चलता। और आप उन Negative Thouths को हलके में लेते हो। वही परेशानी बड़ी होती है तो छोटी छोटी खुसिया नजर नहीं आती है।क्यों की ये Nature है हम सिर्फ आँखो से देख कर ये तय नहीं करते की सामने वाली वस्तु है जो वो बड़ी है या छोटी।ये हमारा दिमाग करता है। इसी तरह हमारा दिमाग ही Decide करता है कौन सी problems बड़ी है कौन सी छोटी। हमारा दिमाग बड़ी Thoughts को ही यादों में ऊपर रखती है। चाहे वो आप की Negative Thoughts हो या फिर Positive Thoughts. फर्क सिर्फ इस से पड़ता है की आप किस Thought को strongly लेते हो।
जब आप posittive सोचते हो तभी आप उस सचाई की कल्पना (imagination ) करते हो।जिस से आप को सकून मिलता है. Positive imagination ही वो resource जिस से आप कुछ नया कर पते हो। इस दुनिया में जितने भी development और change हो रहा है वो किस न किसी Imagination का ही दिया हुआ है।
चाहें आप उन early human की बात करो या आज कल के Present टाइम के Human की।
वो कहते है न की कल्पना की कोई सिमा नहीं होती। हम जब चाहे तब अपने दिमाग में कोई न कोई रचना कर लेते है। हमें इस में कोई रोक नहीं है। जब तक हम इस रचनात्मक सोच को दुनिया के सामने नहीं करें। क्यों की जरुरी नहीं की जो आप ने जो अपने दिमाग में रचना की है वो Positive ही हो।
क्यों जब हम छोटे बच्चे थे और जब हम school में पड़ते थे। तो हम मेसे कई बच्चों के दिमाग में ये आता था ( आज मुझे स्कूल जाने का मन नहीं कर रहा कुछ ऐसा हो की झे school नहीं जाना पड़े जैसे की बारिस हो जाना ,बस नहीं आना ,और तो और इनका खुरपति दिमाग ये तक भी सोच लेता था कास स्कूल की Principle मर जाती ,School गिर जाता। ) ये नहीं है की पॉजिटिव नहीं सोचते ये लोग जैसे कोई Super Hero बन के दुनिआ को बचाना ,ये सोचना की सकुच की सब मेरी तारीफ करे। तब हम बचे थे लेकिन अब भी तो हम एहि सोचते है। सुब हमारी तारीफ करे। तब तरह तरह दिमाग में कल्पना आने लगती है और उन कल्पनाओं मेसे जिस में सब से ज्यादा Possiblity है हम उसे चुनते है दुनिआ के सामने रखने के लिए। और सईद वो कामयाब हो जाता है।
Positive Imagination हमेसा एक नई idea को जन्म देता है और ये प्रेड़ना देती है कुछ नया करने का ये आप के चारो तरफ पॉजिटिव माहौल बनाये रखती है। क्यों की आप कितना भी गलत किनता भी बुरा काम हो आप ने लेकिन आप का दिमाग हमेसा कोई न कोई तरीका ढूढ़ता रहता है अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए। आप को सामने वाले बारे में नहीं मालूम होता की वो अच्छा आदमी है या बुरा। तोभी हमारा दिमाग लग जाता उस इंसान को सही या गलत साबित करने में। वो उनके छोटी छोटी बातो पर भी ध्यान देने लगते है जब उन को कोई NEgative पॉइंट नहीं मिलता।
तो जब हम Positive Imagination करते है तो हम जल्दी किसी के बारे में Negative नहीं सोच पते। और को गलत नहीं कहती आप को कभी।
हम हमेसा 70% ऐसी इमेजिनेशन करते है जिस्ता कोई Use नहीं होता हमारी life में सईद वो ३०% Imagination जिसे हम Use करते है।
इसी 30 % Imagination अगर Positivity ला दे तो सईद कुछ अच्छा हो सकता है।
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